Saif Ali Khan: 16 जनवरी की देर रात सैफ अली खान के ऊपर हमला हुआ। कुछ हमलावर चोरी के इरादे से उनके घर पहुंच थे। फिलहाल सैफ मुंबई के लीलावती अस्पताल में हैं और अब उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। डॉक्टर्स ने सैफ की सर्जरी की है। हमले में जब सैफ घायल हुए तो वो ऑटो से अस्पताल पहुंचे थे। ऑटो ड्राइवर ने उस रात सैफ अली खान से कोई भी किराया नहीं लिया था।

अब ड्राइवर को उनका इनाम मिला है। रिपोर्ट्स की माने तो फैजान अंसानी नाम के एक सोशल वर्कर ने भजन सिंह राणा को 11,000 रुपए दिए हैं। इस इनाम के बाद भजन ने कहा, मुझे गर्व हो रहा है, मैंने जीवन में नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा। मुझे जो पहचान मिली है उससे मुझे बहुत खुशी है।
घटना की रात के मंजर को बताते हुए भजन का का था, मैं नाइट में गाड़ी चला रहा था, रात दो तीन बजे की बात है। देखा एक लेडीज हाथ दे रही है और रिक्शा रिक्शा की आवाज भी आ रही थी। जैसे मैंने यू-टर्न मारा और गाड़ी गेट पर लगाई। उसमें से एक शख्स निकला खून से लथपथ, उसके साथ दो-तीन बंदे और भी थे। वो ऑटो में बैठे और बोले लीलावती ले चलो। मैंने चार से पांच मिनट में उन्हें पहुंचा दिया। जब वहां पहुंचा तो वो बोले स्ट्रेचर ले आओ मैं सैफ अली खान हूं। तब मुझे पता चला कि ऑटो में मैं किसे लेकर आया हूं।
बता दें, इस मामले में शरीफुल इस्लाम शहजाद को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी बांग्लादेश का निवासी है, जो पिछले कुछ महीने से मुंबई में रह रहा था। शरीफुल ने भारत में आने के बाद अपना नाम बदल लिया था। यहां वो विजय दास के नाम से अपनी जिंदगी जी रहा था। मुंबई पुलिस ने उसे ठाणे जिले से पकड़ा है। शरीफुल के पकड़े जाने की कहानी भी काफी इंट्रेस्टिंग है। रिपोर्ट्स की माने तो पुलिस ने आरोपी को एक UPI ट्रांजेक्शन से पकड़ा है। इस ट्रांजेक्शन की वजह से पुलिस को उसका नंबर मिला। इसके बाद जब उन्होंने नंबर ट्रेस किया तो शहजाद की लोकेशन पता चली।
आरोपी शहजाद को पकड़ने के लिए 100 से अधिक पुलिसकर्मी जुटे हुए थे। इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट की माने तो, पुलिस उस आरोपी के एरिया की तलाशी ले रही थी। जब पुलिस वहां से जा रही थी, तभी एक सोता हुआ एक आदमी दिखा। जब पुलिसकर्मी उसके पास पहुंचा तो वो भागने लगा। तब पुलिस ने उसे पकड़ा। आरोपी शहजाद तक पहुंचने में पुलिस की मदद एक ठेकेदार ने भी मदद की। पुलिस के मुताबिक शहजाद तीन बार मुंबई के दादर रेलवे स्टेशन के बाहर दिखा। इसके अलावा वो वर्ली कोलीवाड़ा भी गया था। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि शहजाद एक श्रमिक ठेकेदार के पास भी गया था। बता दें, आरोपी ने पराठे और पानी की बॉटल खरीदने के लिए UPI ट्रांजेक्शन का इस्तेमाल किया था।