सब से पहले तो हमलोग ये जानते है की जब कोई भी बीमारी हमारे शारीर के अन्दर परवेश करती है तो
हमारे शारीर के साथ मानसिक असर भी दिखने लगता है तब जाके हम या तो कोई भी दवा लेते हैं या
डॉक्टर की सलाह लेते हैं !
हम अपने बीमारी को कैसे पहचाने?
कोई भी बीमारियां लोगों को शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से प्रभावित कर सकती हैं! इसलिए जितना जल्दी हो सके आप बीमारी को पहचाने और अपने नजदीकी डॉक्टर से मिलें|
किसी बीमारी में त्वचा पर छाले या घाव ,पेट या श्रेणी में दर्द ,आँख में सुजन या लालपन,साँस लेने में तकलीफ जेसी समस्याएँ शामिल हो सकती है |
बीमारियों के चार मुख्य प्रकार हैं:
1,संक्रामक रोग
2,कमी से होने वाले रोग
3,वंशानुगत रोग
4,शारीरिक रोग
संक्रमन रोगों का कारन बनने वाले बहुत से रोग जनक हैं जिसमे मुख्य रूप से….. वायरस, बैक्टीरिया, कवक, परजीवी और प्रियन आदि शामिल हैं! इन सब के शारीर में प्रवेश करने पर हमें संक्रमन बीमारी हो जाती है| संक्रामक रोगों के लिए दूषित भोजन, पानी, या मिट्टी, कीड़े के काटने, और दूसरे लोगों से संक्रमित होना आम है
हमारे शारीर के अन्दर जितने भी मात्रा में ….. खून,पानी,केल्सियम,विटेमिंस,सेल्स,प्लेटलेट,हाइड्रोजन, कार्बन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, सोडियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, सल्फर, क्लोरीन, पोटेशियम आदि हैं। इन सब के कमी होने पर हमारे शारीर तुरंत एक बदलाव होने लगता है जिस से हमे पता लगता है की हम बीमार होने वाले हैं |
आनुवंशिक रोगों के एक समूह को ही हमलोग वंशानुगत रोग कहते हैं! जिसमे किसी भी वेक्ति के DNA में होने वाले बदलाव से होता है इस बीमारी को खानदान दर खानदान परोसा जाता है |जिसे हमलोग लोकल भाषा में खानदानी बीमारी भी बोलते हैं |जो माँ बाप से बचों को बिरासत में मिलती है | जैसे.. HIV सिकल सेल एनीमिया, हीमोफ़िलिया, रंग वांधता
जिस तरह मशीन अपने कामो को सही तरीके से न करे तो हम समझते हैं मशीन खराब हो रही है |ठीक इसी प्रकार मनुष्य के शरीर के तंत्र जब अपना कम ठीक से न करे तब हमें शारीरिक बीमारी हो जाती है ! जिनके कुछ सामान्य लक्षण और संकेत ये हैं: बुखार, खांसी,आदि
जब आप बीमार होते हैं और और डॉक्टर से मिलते हैं तो डाॅक्टर को आप बताते हैं की मेरी तबियत खराब है और मुझे बुखार है। या पेट दर्द या और कुछ दिक्कत है। वही आप की बीमारी होती है।
तब जाके डाॅक्टर आप की कुछ जांच परिक्षण कर पता लगाते हैं असल में बीमारी क्या है। फिर आप भी संतुष्ट हो जाते है की चला ये बीमारी है। उसी हिसाब से फिर आपका दवा शुरू किया जाता है।
इसलिए आप को जब भी लगे की हमें बीमारी के ये लक्क्षण दिख रहा है आप तुरंत नजदीकी डॉक्टर से मिले जब भी आप डॉक्टर से मिले पहले ये देख ले की किस तरह की बीमारी है और उशी बीमारी के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर को दिखाए भी न के किसी दुसरे को ….डॉक्टर कैसे चुने इसकेलिए मेरी एक पोस्ट है उसे भी पढ़े |
(इस website का मकसद सिर्फ़ जानकारी देना है. स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह या जांच के लिए, किसी पेशेवर डॉक्टर से बात करें…..धन्यवाद)