बिहार में रजिस्ट्री के लिए जरूरी 4 दस्तावेज़! बिना इनके नहीं होगी जमीन की रजिस्ट्री

 

बिहार में प्रॉपर्टी खरीदना या बेचना एक महत्वपूर्ण निर्णय है। इसमें कई कानूनी प्रक्रियाएं शामिल होती हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री। रजिस्ट्री के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज़ों की जरूरत होती है। इन दस्तावेज़ों के बिना रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती।

इस लेख में हम बिहार में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए आवश्यक चार महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। साथ ही, रजिस्ट्री प्रक्रिया और उससे जुड़े अन्य पहलुओं पर भी प्रकाश डालेंगे। यह जानकारी आपको प्रॉपर्टी लेन-देन में मदद करेगी और किसी भी तरह की कानूनी समस्या से बचने में सहायक होगी।

बिहार में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेज़

बिहार में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए चार प्रमुख दस्तावेज़ अनिवार्य हैं। इन दस्तावेज़ों के बिना रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती। आइए इन दस्तावेज़ों के बारे में विस्तार से जानें:

1. आधार कार्ड (Aadhaar Card)

आधार कार्ड एक महत्वपूर्ण पहचान पत्र है जो रजिस्ट्री प्रक्रिया में अनिवार्य है। यह दस्तावेज़ निम्नलिखित कारणों से आवश्यक है:

  • व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करना: आधार कार्ड व्यक्ति की पहचान को प्रमाणित करता है।
  • बायोमेट्रिक सत्यापन: रजिस्ट्री के समय बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए आधार कार्ड जरूरी है।
  • डिजिटल हस्ताक्षर: ई-रजिस्ट्री के लिए आधार-आधारित डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग किया जाता है।

 

2. पैन कार्ड (PAN Card)

पैन कार्ड वित्तीय लेनदेन के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है। रजिस्ट्री प्रक्रिया में इसकी भूमिका निम्नलिखित है:

  • आयकर सत्यापन: पैन कार्ड आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है और व्यक्ति की वित्तीय स्थिति को दर्शाता है।
  • स्टांप शुल्क भुगतान: रजिस्ट्री के लिए स्टांप शुल्क के भुगतान में पैन कार्ड की आवश्यकता होती है।
  • TDS कटौती: यदि प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख रुपये से अधिक है, तो TDS कटौती के लिए पैन कार्ड जरूरी है।

3. मूल विक्रय पत्र (Original Sale Deed)

मूल विक्रय पत्र प्रॉपर्टी के स्वामित्व को प्रमाणित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है। इसकी आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से होती है:

  • स्वामित्व का प्रमाण: यह दस्तावेज़ वर्तमान मालिक के स्वामित्व को सिद्ध करता है।
  • प्रॉपर्टी का विवरण: इसमें प्रॉपर्टी का पूरा विवरण, जैसे क्षेत्रफल, सीमाएं, आदि शामिल होते हैं।
  • पिछले लेनदेन का रिकॉर्ड: यह पिछले सभी लेनदेन का रिकॉर्ड प्रदान करता है।

4. नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC)

नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट कुछ विशेष परिस्थितियों में आवश्यक होता है। यह निम्नलिखित स्थितियों में जरूरी है:

  • बैंक लोन: यदि प्रॉपर्टी पर बैंक लोन है, तो बैंक से NOC लेना आवश्यक है।
  • सोसाइटी फ्लैट: यदि यह एक सोसाइटी फ्लैट है, तो सोसाइटी से NOC की आवश्यकता होती है।
  • विरासत संपत्ति: यदि यह विरासत में मिली संपत्ति है, तो अन्य वारिसों से NOC लेना जरूरी है।

बिहार प्रॉपर्टी रजिस्ट्री: एक संक्षिप्त अवलोकन

विवरण जानकारी
आवश्यक दस्तावेज़ आधार कार्ड, पैन कार्ड, मूल विक्रय पत्र, NOC (यदि लागू हो)
रजिस्ट्री शुल्क प्रॉपर्टी मूल्य का 5%
स्टांप ड्यूटी प्रॉपर्टी मूल्य का 6%
समय सीमा 4 महीने के भीतर रजिस्ट्री अनिवार्य
जुर्माना देरी पर प्रति माह 2% जुर्माना
ऑनलाइन सुविधा ई-रजिस्ट्री उपलब्ध
सत्यापन प्रक्रिया बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य
भाषा हिंदी या अंग्रेजी में दस्तावेज़ स्वीकार्य

बिहार में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री प्रक्रिया

बिहार में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है। यहां इस प्रक्रिया के मुख्य चरणों का विवरण दिया गया है:

  1. दस्तावेज़ तैयारी: सभी आवश्यक दस्तावेज़ों को एकत्र करें और उनकी सत्यता सुनिश्चित करें।
  2. स्टांप ड्यूटी का भुगतान: प्रॉपर्टी के मूल्य के अनुसार स्टांप ड्यूटी का भुगतान करें।
  3. रजिस्ट्रार कार्यालय में आवेदन: सभी दस्तावेज़ों के साथ रजिस्ट्रार कार्यालय में आवेदन जमा करें।
  4. बायोमेट्रिक सत्यापन: आधार कार्ड के माध्यम से बायोमेट्रिक सत्यापन कराएं।
  5. शुल्क का भुगतान: रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान करें।
  6. दस्तावेज़ों का सत्यापन: रजिस्ट्रार द्वारा सभी दस्तावेज़ों का सत्यापन किया जाएगा।
  7. रजिस्ट्री की पुष्टि: सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद रजिस्ट्री की पुष्टि की जाएगी।
  8. रजिस्टर्ड दस्तावेज़ की प्राप्ति: अंत में, आपको रजिस्टर्ड दस्तावेज़ प्राप्त होगा।

बिहार में ई-रजिस्ट्री सुविधा

बिहार सरकार ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए ई-रजिस्ट्री सुविधा शुरू की है। इस ऑनलाइन सिस्टम के कुछ प्रमुख लाभ हैं:

  • समय की बचत: ऑनलाइन प्रक्रिया से समय की काफी बचत होती है।
  • पारदर्शिता: सभी लेनदेन डिजिटल रूप से रिकॉर्ड किए जाते हैं, जो पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
  • भ्रष्टाचार में कमी: मैनुअल हस्तक्षेप कम होने से भ्रष्टाचार की संभावना कम हो जाती है।
  • 24×7 उपलब्धता: यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध है, जिससे लोग अपनी सुविधा के अनुसार रजिस्ट्री करा सकते हैं।

प्रॉपर्टी रजिस्ट्री में आने वाली समस्याएं और समाधान

प्रॉपर्टी रजिस्ट्री प्रक्रिया में कभी-कभी कुछ समस्याएं आ सकती हैं। यहां कुछ सामान्य समस्याओं और उनके समाधान दिए गए हैं:

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  1. दस्तावेज़ों में त्रुटि:
    • समाधान: सभी दस्तावेज़ों की सावधानीपूर्वक जांच करें और किसी भी त्रुटि को तुरंत सुधारें।
  2. स्टांप ड्यूटी का गलत आकलन:
    • समाधान: सही स्टांप ड्यूटी का आकलन करने के लिए सरकारी वेबसाइट या विशेषज्ञ की मदद लें।
  3. NOC प्राप्त करने में देरी:
    • समाधान: समय रहते NOC के लिए आवेदन करें और संबंधित विभाग के साथ नियमित फॉलो-अप करें।
  4. बायोमेट्रिक सत्यापन में समस्या:
    • समाधान: आधार कार्ड में दर्ज जानकारी की जांच करें और यदि आवश्यक हो तो अपडेट करें।
  5. रजिस्ट्री में देरी:
    • समाधान: सभी दस्तावेज़ पहले से तैयार रखें और समय सीमा का पालन करें।

अस्वीकरण (Disclaimer)

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से प्रदान किया गया है। हालांकि हमने सटीक और अद्यतन जानकारी देने का प्रयास किया है, फिर भी प्रॉपर्टी रजिस्ट्री से संबंधित नियम और प्रक्रियाएं समय-समय पर बदल सकती हैं। इसलिए, किसी भी कानूनी या वित्तीय निर्णय लेने से पहले, कृपया संबंधित सरकारी विभाग या योग्य पेशेवर से परामर्श लें। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान या क्षति के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

 

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