पेंशन पर TDS में बदलाव! FY 2024-25 और AY 2025-26 के लिए नई दरें लागू

वित्त वर्ष 2024-25 और आकलन वर्ष 2025-26 के लिए पेंशन पर टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। ये बदलाव पेंशनभोगियों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। नई टैक्स व्यवस्था के तहत पेंशन पर TDS की दरों में कमी की गई है, जिससे पेंशनभोगियों को अधिक नेट पेंशन मिल सकेगी।

इस लेख में हम FY 2024-25 और AY 2025-26 के लिए पेंशन पर लागू नई TDS दरों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि ये बदलाव पेंशनभोगियों को किस तरह प्रभावित करेंगे और उन्हें क्या फायदे मिलेंगे। आइए जानते हैं पेंशन पर TDS से जुड़ी सभी जरूरी बातें।

पेंशन पर TDS क्या है?

पेंशन पर TDS यानी टैक्स डिडक्शन एट सोर्स एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पेंशन का भुगतान करने वाली संस्था पेंशनभोगी को पेंशन का भुगतान करने से पहले ही उस पर लागू आयकर की कटौती कर लेती है। यह कटौती आयकर विभाग द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार की जाती है।

पेंशन पर TDS की मुख्य बातें:

विवरण जानकारी
लागू होने की तिथि 1 अप्रैल 2024
आकलन वर्ष 2025-26
वित्त वर्ष 2024-25
न्यूनतम सीमा ₹50,000 प्रति वर्ष
अधिकतम दर 30%
स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹75,000
फैमिली पेंशन पर स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹25,000
सरचार्ज आय के आधार पर अलग-अलग
स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर 4%

FY 2024-25 के लिए पेंशन पर नई TDS दरें

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पेंशन पर TDS की नई दरें निम्नलिखित हैं:

  • ₹3 लाख तक की वार्षिक पेंशन पर कोई TDS नहीं
  • ₹3 लाख से ₹6 लाख तक की पेंशन पर 5% TDS
  • ₹6 लाख से ₹9 लाख तक की पेंशन पर 10% TDS
  • ₹9 लाख से ₹12 लाख तक की पेंशन पर 15% TDS
  • ₹12 लाख से ₹15 लाख तक की पेंशन पर 20% TDS
  • ₹15 लाख से अधिक की पेंशन पर 30% TDS

इन नई दरों से पेंशनभोगियों को काफी राहत मिलेगी। पहले ₹2.5 लाख तक की पेंशन पर ही छूट थी, जो अब बढ़कर ₹3 लाख हो गई है। इसके अलावा अन्य स्लैब्स में भी TDS की दरें कम की गई हैं।

पेंशन पर स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी

FY 2024-25 से पेंशन पर स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाकर ₹75,000 कर दी गई है। इससे पहले यह सीमा ₹50,000 थी। इस बढ़ोतरी से पेंशनभोगियों को और अधिक टैक्स बचत का मौका मिलेगा।

स्टैंडर्ड डिडक्शन का मतलब है कि पेंशनभोगी अपनी कुल पेंशन में से ₹75,000 की राशि को टैक्स योग्य आय से घटा सकते हैं। इससे उनकी टैक्स योग्य आय कम हो जाएगी और TDS की राशि भी कम होगी।

फैमिली पेंशन पर स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि

फैमिली पेंशन पर भी स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाई गई है। अब फैमिली पेंशन पर ₹25,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। पहले यह सीमा ₹15,000 थी।

फैमिली पेंशन वह पेंशन होती है जो किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार के सदस्यों को दी जाती है। इस पेंशन पर अब ₹25,000 तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा, जिससे परिवार के सदस्यों को और अधिक आर्थिक सहायता मिल सकेगी।

 

पेंशन पर TDS की गणना कैसे होती है?

पेंशन पर TDS की गणना निम्नलिखित तरीके से की जाती है:

  1. सबसे पहले कुल वार्षिक पेंशन की गणना की जाती है।
  2. फिर इसमें से स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि घटाई जाती है।
  3. इसके बाद बची हुई राशि पर लागू TDS स्लैब के हिसाब से TDS की गणना की जाती है।
  4. अंत में TDS की राशि पर 4% स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर लगाया जाता है।

उदाहरण के लिए, अगर किसी की वार्षिक पेंशन ₹8 लाख है, तो TDS की गणना इस प्रकार होगी:

  • कुल वार्षिक पेंशन: ₹8,00,000
  • स्टैंडर्ड डिडक्शन: ₹75,000
  • टैक्स योग्य पेंशन: ₹7,25,000
  • TDS की गणना:
    • ₹3 लाख तक: शून्य
    • ₹3 लाख से ₹6 लाख तक: ₹15,000 (5% of ₹3,00,000)
    • ₹6 लाख से ₹7,25,000 तक: ₹12,500 (10% of ₹1,25,000)
  • कुल TDS: ₹27,500
  • स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर: ₹1,100 (4% of ₹27,500)
  • कुल कटौती: ₹28,600

पेंशन पर TDS से छूट कैसे पाएं?

कुछ मामलों में पेंशनभोगी TDS से छूट पा सकते हैं। इसके लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:

  • अगर वार्षिक पेंशन ₹3 लाख से कम है।
  • अगर पेंशनभोगी 80 वर्ष से अधिक उम्र का है और उसकी वार्षिक पेंशन ₹5 लाख से कम है।
  • अगर पेंशनभोगी फॉर्म 15H या 15G जमा करता है।

फॉर्म 15H या 15G जमा करने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:

  • फॉर्म 15H: 60 वर्ष से अधिक उम्र के पेंशनभोगियों के लिए
  • फॉर्म 15G: 60 वर्ष से कम उम्र के पेंशनभोगियों के लिए
  • कुल वार्षिक आय टैक्स योग्य सीमा से कम होनी चाहिए

पेंशन पर TDS के फायदे

पेंशन पर TDS के कुछ प्रमुख फायदे हैं:

  • टैक्स भुगतान में आसानी: TDS के जरिए पेंशनभोगियों को एक बार में बड़ी राशि का टैक्स नहीं चुकाना पड़ता। हर महीने छोटी-छोटी किस्तों में टैक्स कट जाता है।
  • समय पर टैक्स भुगतान: TDS के कारण टैक्स का भुगतान समय पर हो जाता है और पेंशनभोगियों को देरी से टैक्स भरने पर जुर्माना नहीं भरना पड़ता।
  • टैक्स रिटर्न भरने में आसानी: TDS के कारण पेंशनभोगियों को टैक्स रिटर्न भरने में आसानी होती है। उन्हें सिर्फ TDS की राशि का मिलान करना होता है।
  • टैक्स चोरी पर रोक: TDS के कारण टैक्स चोरी पर रोक लगती है और सरकार को समय पर टैक्स राजस्व मिलता है।

पेंशन पर TDS से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु

पेंशन पर TDS से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जो पेंशनभोगियों को ध्यान में रखने चाहिए:

  • TDS की कटौती हर महीने की जाती है, न कि एक बार में।
  • TDS सर्टिफिकेट (फॉर्म 16A) हर तिमाही में जारी किया जाता है।
  • अगर ज्यादा TDS कट गया है तो रिफंड का दावा किया जा सकता है।
  • पेंशनभोगियों को अपना PAN नंबर पेंशन देने वाली संस्था को देना जरूरी है।
  • TDS की गणना के लिए पिछले वित्त वर्ष की आय को आधार माना जाता है।

पेंशन पर TDS से जुड़े नए नियम

FY 2024-25 से पेंशन पर TDS से जुड़े कुछ नए नियम लागू किए गए हैं:

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  • नई टैक्स व्यवस्था को डिफॉल्ट विकल्प बनाया गया है।
  • पुरानी टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुनने के लिए पेंशनभोगियों को अलग से आवेदन करना होगा।
  • ₹7 लाख तक की वार्षिक पेंशन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
  • NPS में नियोक्ता के योगदान पर कटौती की सीमा 14% तक बढ़ा दी गई है।

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